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Friday, August 7, 2020

सर्द रात

सर्द रात है मेरे साथी,
सूरज आज देर से निकलेगा।

तू आसमां को यूं न ताक,
तू क्षितिज पे यूं न झांक।
उम्मीद को कलाई में बांधकर,
सितारों को इस तरह न हांक।

सर्द रात है मेरे साथी,
सूरज निकलेगा भी तो कम चमकेगा।

फूल खिलेंगे भी तो मुरझा जाएंगे,
पत्ते निकलेंगे भी तो झड़ जाएंगे।
कोहरे की चादर ओढ़कर,
रोशनी आएगी और चली जाएगी।

सर्द रात है मेरे साथी,
सूरज आज जल्दी डूब जाएगा।
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