माथे पर तेरे जब शिकन आती है,
तेरे दुश्मनों को वह खूब भाती है।
पर तेरे दुश्मनों की हिम्मत का होता है अपमान,
जब तेरे चेहरे पर आती है मुस्कान।
दिल जब तेरा दहलता है,
तेरे दुश्मनों का ख़ात्मा टलता है।
पर उन दुश्मनों का नहीं रहता है नामो-निशान,
जब तेरे चेहरे पर आती है मुस्कान।
हाँ! होश जब तेरे उड़ जाते है,
दुश्मन तेरे जीत की ओर मुड़ जाते हैं।
पर वही दुश्मन कर देते हैं अपनी हार का ऐलान,
जब तेरे चेहरे पर आती है मुस्कान।
जानता है, मानता है तू,
दुखों का यह डगर है,
मुश्किल तेरा यह सफर है।
पर यह सफर हो जाता है आसान,
जब तेरे चेहरे पर आती है मुस्कान।
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