भारत को अब हम गुलाम नहीं होने देंगे,
चाहे कुछ भी हो जाए,
अपनी आज़ादी को नीलाम नहीं होने देंगे।
सुख के दिनों में शाम नहीं होने देंगे,
अपने इरादों को नाकाम नहीं होने देंगे,
जब तक हम जीत न जाए
आराम नहीं होने देंगे।
आराम नहीं होने देंगे।
बुराइयों का आगाज़ नहीं होने देंगे,
अनेकता का अहसास नहीं होने देंगे,
मिटा देंगे सारे भेद-भाव को
कहीं भी इम्तियाज़ नहीं होने देंगे।
कहीं भी इम्तियाज़ नहीं होने देंगे।
अपने हूनर को बेकार नहीं होने देंगे,
देश में ज़ुल्म या अत्याचार नहीं होने देंगे,
बस बहुत हो गया
अब और इंतज़ार नहीं होने देंगे।
अब और इंतज़ार नहीं होने देंगे।
चाहे कुछ भी हो जाए,
अपनी आज़ादी को नीलाम नहीं होने देंगे।
सुख के दिनों में शाम नहीं होने देंगे,
अपने इरादों को नाकाम नहीं होने देंगे,
जब तक हम जीत न जाए
आराम नहीं होने देंगे।
आराम नहीं होने देंगे।
बुराइयों का आगाज़ नहीं होने देंगे,
अनेकता का अहसास नहीं होने देंगे,
मिटा देंगे सारे भेद-भाव को
कहीं भी इम्तियाज़ नहीं होने देंगे।
कहीं भी इम्तियाज़ नहीं होने देंगे।
अपने हूनर को बेकार नहीं होने देंगे,
देश में ज़ुल्म या अत्याचार नहीं होने देंगे,
बस बहुत हो गया
अब और इंतज़ार नहीं होने देंगे।
अब और इंतज़ार नहीं होने देंगे।
भारत को अब हम गुलाम नहीं होने देंगे,
चाहे कुछ भी हो जाए,
अपनी आज़ादी को नीलाम नहीं होने देंगे।
No comments:
Post a Comment